Rahim

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अअअअअअ अअअअ अअअअअअअअ अअअअ: 1556 अअअअ: 1627 अअअअअ - अअअअ, अअअअअ

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अब्दुल रही�म खा�ने खा�ने�

जन्म: 1556 निनेधने: 1627

उपने�म -  रही�म, रनिहीमने

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अब्दुर�ही�म खा�ने खा�ने� - सं�क्षि�प्त परिरचय

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नवा�ब अब्दुर्रही�म खा�न खा�न� मध्यका�ली�न भा�र्रत का� का� शली र्र�जन�तितवा�त्ता�, वा�र्र- बही�दुर्र य�द्धा� और्र भा�र्रत�य सां��स्का! तितका सांमन्वाय का� आदश प्रस्त�त कार्रन� वा�ली� मम& कातिवा म�न� ज�त� ही'। आपका* ति+नत� तिवा+त चा�र्र शत�ब्दिब्दय. सां� ऐतितही�सिसांका प�रुष का� अली�वा� भा�र्रत म�त� का� सांच्चे� सांप4त का� रुप म5 तिकाय� ज�त� र्रही� ही6। आपका� अ�दर्र वाही सांब +�ण म8ज4द थे�, ज� मही�प�रुष. म5 प�य� ज�त� ही'। आप ऐसां� सां8 भा�ग्यश�ली� व्यसि<य. म5 सां� थे�, ज� अपन� उभायतिवाद्य ली�कातिप्रयत� का� का�र्रण का� वाली ऐतितही�सिसांका न ही�कार्र भा�र्रत�य जनज�वान का� अमिमट प!ष्टों. पर्र यश शर्र�र्र सां� ज�तिवात प�य� ज�त� ही'।

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म�सांलीम�न ही�त� हुए भा� हिंहीEदू ज�वान का� अ�तमन म5 ब6ठकार्र आपन� ज� म�र्मिमEका तथ्य अ�तिकात तिकाय� थे�, उनका* तिवाश�ली हृदयत� का� परिर्रचाय द�त� ही'। हिंहीEदू द�वा�- द�वात�ओं, पवा�Ç, धा�र्मिमEका म�न्यत�ओं और्र पर्र�पर्र�ओं का� जही�N भा� आपका� द्वा�र्र� उल्ली�खा तिकाय� +य� ही6, प4र्र� ज�नका�र्र� एवा� ईम�नद�र्र� का� सां�थे तिकाय� +य� ही6। आप ज�वान पर्र हिंहीEदू ज�वान का� भा�र्रत�य ज�वान का� यथे�थे म�नत� र्रही�। र्रही�म न� अपन� का�व्य म5 र्र�म�यण, मही�भा�र्रत, प�र्र�ण तथे� +�त� ज6सां� ग्रं�थे. का� काथे�नका. का� उद�हीर्रण का� सिलीए चा�न� ही6 और्र ली8तिकाका ज�वान व्यवाही�र्र पक्ष का� उसांका� द्वा�र्र� सांमझा�न� का� प्रयत्न तिकाय� ही6।

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ब6र्रम खा�N का* काई र्र�तिनय�N थे� म+र्र सां�त�न तिकासां� का� न हुई थे�।

ब6र्रम खा�N न� अपन� सां�ठ वाष का* आय� म5 हुम�य4N का* इच्छा� सां� जम�ली खा�N म�वा�त� का* प�त्री� सां�ल्त�न� ब�+म सां� तिकाय�। इसां� मतिहीली� न� भा�र्रत का� मही�न कातिवा एवा� भा�र्रतम�त� का� मही�न सांप4त र्रही�म खा�N का� जन्म दिदय� ।

ब6र्रम खा�N :-

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अबदुर्रर्रही�म खा�नखा�न� का� जन्म सां�वातZ १६१३ ई. ( सांनZ १५५३ ) म5 इतितही�सां प्रसिसांद्धा ब6र्रम खा�N का� घर्र ली�ही8र्र म5 हुआ थे� सां�ल्त�न� ब�+म थे� ब6र्रम खा�N का� घर्र प�त्री का* उत्पतित का* खाबर्र सां�नकार्र सांम्रा�ट अकाबर्र स्वाय� वाही�N +य� और्र उसां बच्चे� का� न�म “र्रही�म” र्रखा�।

अकाबर्र न� र्रही�म का� श�ही� खा�नद�न का� अन�रुप “मिमज� खा�N” का* उप�सिधा सां� सांम्म�तिनत तिकाय�।र्रही�म का* शिशक्ष�- दeक्ष� अकाबर्र का* उद�र्र धाम- तिनर्रप�क्ष न�तित का� अन�का4 ली हुई। इसां� शिशक्ष�- दिदक्ष� का� का�र्रण र्रही�म का� का�व्य आज भा� हिंहीEदूओं का� +ली� का� काण्ठही�र्र बन� हुआ ही6।

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दिदनकार्र ज� का� काथेन�न�सां�र्र अकाबर्र न� अपन� दeन- इली�ही� म5 हिंहीEदूत्वा का� ज� स्था�न दिदय� ही�+�, उसांसां� काई +�ण� ज्य�द� स्था�न र्रही�म न� अपन� कातिवात�ओं म5 दिदय�। र्रही�म का� ब�र्र� म5 यही काही� ज�त� ही6 तिका वाही धाम सां� म�सांलीम�न और्र सां�स्का! तित सां� श�द्धा भा�र्रत�य थे�।म�त्री सांत्तार्रही वाष का* आय� म5 सांम्रा�ट अकाबर्र मध्य भा�+ का* काम�न र्रही�म का� सांiप दिदय�।र्रही�म ( मिमज� खा�N ) का� +�जर्र�त प्र��त का* सां�ब�द�र्र� सांiप� +ई ।

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र्रही�म का� व्यसि<त्वा अपन� आप म5 अली+ म�का�म र्रखात� ही6। एका ही� व्यसि<त्वा अपन� अ�दर्र कातिवा का� +�ण, वा�र्र सां6तिनका का� +�ण, का� शली सां�न�पतित, सांफली प्रश�सांका, अतिद्वात�य आश्रयद�त�, +र्र�बनब�ज, तिवाश्वा�सां प�त्री म�सां�तिहीब, न�तित का� शली न�त�, मही�न कातिवा, तिवातिवाधा भा�ष� तिवाद, उद�र्र काली� प�र्रखा� ज6सां� अन�का�न�का +�ण. का� म�सिलीका ही�, यही अपन�- आप ही� परिर्रचाय प्रस्त�त कार्रत� ही'।

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• र्रही�म का� व्यसि<त्वा तिनम्नसिलीखिखात छःo प्रम�खा श�षका. म5 तिवाभा�ब्दिजत कार्र का� इसांका� अध्ययन तिकाय� ज�त� ही6 –

• -- सां�न�पतित र्रही�म -- र्र�जन�तितज्ञ र्रही�म

• -- द�नवा�र्र र्रही�म -- कातिवावार्र र्रही�म

• -- आश्रयद�त� र्रही�म -- हिंहीEदुत्वा प्र�म� र्रही�म

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र्रही�म का� तिवावा�ही:-र्रही�म का* शिशक्ष� सांम�प्त ही�न� का� पश्चा�त सांम्रा�ट अकाबर्र न� अपन� तिपत� हुम�य4N का* पर्र�पर्र� का� तिनवा�ही कार्रत� हुए, र्रही�म का� तिवावा�ही ब6र्रम खा�N का� तिवार्र�धा� मिमज� अज�ज का�का� का* बहीन म�हीब�न. सां� कार्रवा� दिदय�। इसां तिवावा�ही म5 भा� अकाबर्र न� वाही� तिकाय�, ज� पहीली� कार्रत� र्रही� थे� तिका तिवावा�ही का� सां�ब�धा. का� बद8लीत आपसां� तन�वा वा प�र्र�न� सां� प�र्र�न� काट�त� का� सांम�प्त कार्र दिदय� कार्रत� थे�। र्रही�म का� तिवावा�ही सां� ब6र्रम खा�N और्र मिमज� का� ब�चा चाली� आ र्रही� प�र्र�न� र्र�ब्दिजश खात्म ही� +य�। र्रही�म का� तिवावा�ही ली+भा+ सां�लीही सां�ली का* उम्रा म5 कार्र दिदय� +य� थे�।